tanha's space:Write What Your Heart Tells You To...
22-08-2008 11:13:53
. वो मेरे पहलू में बैठे थे शर्माए हुए
वो मेरे पहलू में बैठे थे शर्माए हुए
उनकी आँखों के उजाले (आंसू ) घबराये हुए
बात जो करनी थी , वो हो न सकी
उनके वो होंठ गुलाबी थर्राए हुए
वो बोले क्यूँ मै देखता हूँ उन्हें ऐसे
रिंद देखे ज्यूँ सुराही को ललचाये हुए
उनकी बेदारी को मैं खूब समझता हूँ
बड़ी मुद्दत हुई "तनहा " को तरसाए हुए
वो मेरे पहलू में बैठे थे शर्माए हुए
उनकी आँखों के उजाले घबराये हुए..
दिल कुछ ऐसे करता है
कंही किसी गोशे में खोने को करता है दिल
ज़रा ज़रा सी बात पर रोने को करता है दिल
(gosha means corner)
छूट गया साथ पर न छूटी तमन्ना मेरी
एक बार फिर से तेरा होने को करता है दिल
तूने एक बार तो किया होता ऐतबार मुझपर
तेरे ग़मों को अश्कों से धोने को करता है दिल
उस पल कि जिसमे था तेरा हाथ मेरे हाथों में
उस पल के लिए सब कुछ खोने को करता है दिल
कितनी बार कंहू तुझसे कि मेरी ख्वाहिश क्या है
एक बार फिर से तेरा होने को करता है दिल
एक बार फिर से तेरा होने को करता है दिल ..
कंही किसी गोशे में खोने को करता है दिल.. ( तेरे साथ )
. वो बदल गए हैं
मुझसे नज़र अब वो मिलते नहीं हैं
अदाओं से अपनी रिझाते नहीं हैं
डरते हैं मै कंही सुराही न लूट लूँ
एक मैं ही हूँ जिसे वो पिलाते नहीं हैं
जिन्हें अपना सब कुछ माना था तुमने
नज़रों से उन्हें यूं गिराते नहीं हैं
'कुछ ये कह लेते ,कुछ वो लिख देते '
"तनहा " को अब वो लिखना सिखाते नहीं हैं
मुझसे नज़र अब वो मिलते नहीं हैं
अदाओं से अपनी रिझाते नहीं हैं..
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TanhaAjmeri
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