काश मैं कुछ ऐसा करूं
तेरे बारे में सोचकर ,तेरी महफ़िल को देखकर
सोचता हूँ रह जाऊं यंही
यंही पर उम्र गुज़ार दूँ .
कामयाबी बांटी , दौलत करी तकसीम
ये जो है थोड़ा सा ग़म
वो किसको उधार दूँ
है किस कशमकश में ,किस सोच की गिरफ्त में
आ चल तू साथ मेरे
मै तेरा जीवन संवार दूँ .
मेरी ग़ज़ल में सबकुछ ,हर रंग में नहाई है
आजा मै अपना हर इक लफ्ज़
आज तुझपर वार दूँ .
जी में आता है ,तुझको इतना प्यार दूँ
बेमिसाल तेरे जमाल को
मैं अपने इश्क का श्रृंगार दूँ .
तेरे बारे में सोचकर ,तेरी महफ़िल को देखकर
सोचता हूँ रह जाऊं यंही
यंही पर उम्र गुज़ार दूँ .
Tanha Ajmeri
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