मैं शब्द सुर तुम
मेरी बातों से लोगों को
बहला रहे थे वो
बहला रहे थे वो
मेरी बातों से
लोगों को
बहला रहे थे वो
मैं
कैसे और क्यूँ बना शायर
बतला रहे थे
वो ....
लोगों को
बहला रहे थे वो
मैं
कैसे और क्यूँ बना शायर
बतला रहे थे
वो ....
इस लफ्ज़ का मतलब
ऐसा
उस शब्द का अर्थ यूं
जो भी
आया मन में
फरमा रहे थे
वो ...
ऐसा
उस शब्द का अर्थ यूं
जो भी
आया मन में
फरमा रहे थे
वो ...
ये यूं लिखा , वो
क्यूँ लिखा
समझा रहे थे सबको
शायर संग बिठाये दिनों पे
इतरा रहे थे
वो ....
क्यूँ लिखा
समझा रहे थे सबको
शायर संग बिठाये दिनों पे
इतरा रहे थे
वो ....
ये लम्बे किसी सफ़र
पे लिखा
ये रुक -कर ज़रा सड़क पर लिखा
शायर से थे वो आशना
जतला रहे थे वो ....
पे लिखा
ये रुक -कर ज़रा सड़क पर लिखा
शायर से थे वो आशना
जतला रहे थे वो ....
"तनहा " की ग़ज़ल न
हो गोया
हो कोई अखबार की खबर
यूं पढ़ -पढ़कर लोगों को
सुना रहे थे
वो ....
हो गोया
हो कोई अखबार की खबर
यूं पढ़ -पढ़कर लोगों को
सुना रहे थे
वो ....
मेरी बातों से लोगों
को बहला रहे थे वो .
को बहला रहे थे वो .
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