jo maangaa wo na milaa
24-06-2009 09:55:33
Another poem from main shabd sur tum
जो माँगा वो न मिला
इस दौड़ती भागती ज़िन्दगी में
ये चाँद को छूने जैसा ही तो है
जो मैंने तुमसे
दो पल उधार मांगे थे .
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जलती उबलती आँखों को
मिल गए आंसू बेहिसाब
मेरी तरसी हुई आँखों ने
कुछ ख्वाब मांगे थे .
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दर्द घुटन टीस कडवाहट
चिडचिडापन बेचैनी झुंझलाहट
ये तो नहीं थे जो मैंने
एहसास मांगे थे .
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हर शख्स खुदगर्ज़ बेवफा
हर शख्स सितमगर करे जफा
रिश्ते फिर मैंने क्यूँ
कुछ ख़ास मांगे थे .
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इस दौड़ती भागती ज़िन्दगी में
ये चाँद को छूने जैसा ही तो है
जो मैंने तुमसे
दो पल उधार मांगे थे .
Tanha Ajmeri
Simply out of the world !
ReplyDeleteबहुत खूब तन्हा जी .... दो पल कि जिंदगी मे क्या कुछ ....
ReplyDeletebahut khub likha hai
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