Thursday, 20 October 2011

मुझे परवाह है ..

मुझे परवाह है ..
 
मेरे  लिखे  शब्द  को  पढ़ने  वाले     
“तुम ”
मैं  सैलाब  बाँध  तुम
मैं  सहरा  बरसात  तुम
मैं  आग  बर्फ  तुम
मेरे  लिए  सिर्फ  तुम ..
तुम  तरन्नुम  तुम  ग़ज़ल 
तुम  रुबाई  तुम  नज़्म 
तुम  नहीं  तो  है  बेवजह 
मेरी  लिखाई  तुम्हारी   कसम 
मेरे  वजूद  के  लिए  तुम  लाज़मी 
मैं  शायर  मेरा  अंदाज़  तुम..
गूंगे मेरे शब्द
जो न सुनो तुम
तुम्हारे  बिन  मैं    ग़ुम
मैं  शब्द  सुर  तुम …

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