वो जो पास आके बैठा किये मेरी तन्हाई में /
मैं डूबा किया उनकी आँखों की गहरायी में ..
मेरे कानों में मिसरी सी घुल जाती है सदा
मैं झूम जाता हूँ उनके लफ़्ज़ों की शहनाई में..
राहत अफ्ज़ा है ये जो भी है हमारा राबिता:
सुकूने ज़िन्दगी है उनकी जुल्फों की परछाई में..
मेरे लफ़्ज़ों सी है साफ़गोई उनकी अदाओं में
मेरे शेरों की सी शरारत उनकी अंगड़ाई में..
तनहा को वो रखना चाहते हैं सबसे छुपाकर
मिलना चाहते हैं तो बस हरदम तन्हाई में..
( वो जो पास आके बैठा किये मेरी तन्हाई में /
मैं डूबा किया उनकी आँखों की गहरायी में ..)
achhi ghazal hai tanha sahab
ReplyDeleteकितना सुन्दर लिखा है-
ReplyDeleteमेरे लफ़्ज़ों सी है साफ़गोई उनकी अदाओं में
मेरे शेरों की सी शरारत उनकी अंगड़ाई में..
तनहा को वो रखना चाहते हैं सबसे छुपाकर
मिलना चाहते हैं तो बस हरदम तन्हाई में..