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Thursday, 17 March 2016

मेरा कारोबार

खुदा का हम तो
ऐसे एहतराम करते हैं,
तुझे ही चाहते हैं
तुझे सलाम करते हैं /
मेरी ये शोहरत तनहा
भला कहाँ मेरी,
हमें अपनी तो खबर नहीं
पर तेरा नाम करते हैं

Thursday, 19 January 2012

bebas safeena ( HELPLESS BOAT)

bebas safeena ( HELPLESS BOAT)

by Tanha Ajmeri on Thursday, January 19, 2012 at 6:35pm
                                 
भूल ही गया मैं  सामने उनके

के उनसे क्या मुझको कहना था /

साथ जो लेकर  गया था अपने
वो  कागज़  का पुर्जा  गया कंहा ?
डूबना है तो डूब ही जायें
जो यूँ फंसे हैं भंवर में हम/
साथ मेरे था जो कश्ती में
वो माहिर नाखुदा गया कंहा ?
हाथ पकड़कर जो खुद लाया था
गया यूँ फिर हाथ छुड़ाकर क्यूँ/
जो कहता था साथ रहेगा हरदम
वो शख्स जाँविदा गया कंहा ?
तनहा को अब मैखाने में भी
प्यासा ही रहना पड़ता है /
जो न होता था ख़ाली ही कभी
वो जादुई प्याला गया कंहा ?
भूल ही गया मैं  सामने उनके
के उनसे क्या मुझको कहना था..


  
saahil ke paas, phir bhi door.




Sunday, 13 November 2011

KUCHH KEHNAA BHI KOI JURM HO JAISE...



by Tanha Ajmeri on Saturday, August 21, 2010 at 7:31pm
कुछ  कहना  भी  कोई  जुर्म  हो  जैसे ...

दौड़ना  बन  चुका  है  निज़ाम   यंहा  का 
आराम  से  चलना  बड़ी  मुश्किल  पर ,
धूप  का  है  चार  सू  दबदबा 
है  छाँव  यंहा  बड़ी  मुश्किल  पर .

मौसम  में  भी  अब  घुल  चुका  है 
गुबार  ज़माने  भर  का  देखो ,
गुलिस्ताँ  गुलिस्ताँ , कुम्हलाया  कुम्हलाया 
अब  है  बरसात  यंहा  बड़ी  मुश्किल  पर .

हर  शख्स  हर  तरफ  करे  मनमानी 
सुनने  को  कोई  भी  तैयार  नहीं ,
किस -किस  को  भला  क्या  क्या  समझायें 
हैं  अल्फाज़  यंहा  बड़ी  मुश्किल  पर .

ग़लत  देखो  या  देखो  बुरा  तुम 
और  ख़ामोश  रहो  तो  बेहतर  है ,
न  पंहुचेगी  तुम्हारी  सदा  कंही  भी 
है  ऐतराज़  यंहा  बड़ी  मुश्किल  पर .

धूप  का  है  चार  सू  दबदबा 
है  छाँव  यंहा  बड़ी  मुश्किल  पर .






KUCHH KEHNA BHI KOI JURM HO JAISE...