Sunday 4 August 2013

बड़ी अजब है ज़िन्दगी बड़ा गज़ब बखेड़ा है...

किसी रोज़ फिर पढ़ सकूँ , ऐसी ख्वाहिश में मैंने
किताब-ए-ज़िन्दगी के कुछ पन्नों को मोड़ रखा है /
हम और तुम टूट ही जाते ज़िन्दगी से लड़ते लड़ते
उम्मीद जगाते कुछ ख्वाबों ने दिलों को जोड़ रखा है
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  1. उफ़ दिल-ए-तबाह का ना पूछो हाल तो बेहतर है /
    तुम न समझोगे मियाँ तुम्हारे पास अभी घर है

    Uff... Dil-e-tabaah Ka Na Poochho Haal To Behtar Hai /
    Tum Na Samjhoge MiyaN Tumhare Paas Abhi Ghar Hai

  2. आज कुछ आरज़ुओं ने पुराना साज़ छेड़ा है
    फिर किसी दफ्न सी दास्ताँ का दिल उखेड़ा है /
    भूल ही जाता तो दिल का ये हाल ना होता
    बड़ी अजब है ज़िन्दगी बड़ा गज़ब बखेड़ा है

  3. NOSTALGIA :
    .
    लम्हात गम के तो आये हैं हज़ार बार दिल दुखाने को /
    काश दिन कुछ हसीन भी मेरे आज पलटकर आ पाते
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  4. कानों को शोर सुनने की आदत है
    सुनाई जो हर तरफ से देता है ,
    जो बुलाती है प्यार से अपनी तरफ
    मेरे कान वो आवाज़ सुनते नहीं है /
    बड़ी मुश्किल से समेटा है
    खुद को तन्हाई की खामोशियों में ,
    अब किसी दस्तक पर भी
    मेरे दिल के दरवाज़े खुलते नहीं हैं

Friday 2 August 2013

for all you r o m a n t i c s ...

हर वक़्त मौसम है प्यार का सा इन दिनों 
सहरा में भी आलम बहार का सा इन दिनों 
है मुझको भी नहीं ऐतबार  पर कुछ तो है 
हर वक़्त ये कैसा  करार का सा इन दिनों 

Thursday 1 August 2013

m u s a f i r

ज़िन्दगी है इक जुआ ये बात आयी तब समझ
जब दाव पर अपना था मै सबकुछ लगा चुका /
इक दिया ए उम्मीद की मानिंद रोशन था दिल में जो
तेज़ झोंका इक हवा का कब का उसे बुझा चुका /
वो मुसाफिर था उसे तुम रोक पाते कैसे भला
वो तुम्हारी मंजिलों से दूर कबका जा चुका /
जो हो चुका सो हो चुका यही दुनिया है तनहा मियाँ
फिर आया कहाँ है लौटकर वो काफिला जो जा चुका

Tanha Ajmeri
apni dhun meiN na jaane kaNha se kaNha nikal gaye / hum aise musafir haiN jo manziloN ko bhi chhal gaye