Tuesday 28 October 2014

दिल बेचारा

दिल बेचारा

दे ही दूँ किसी को तो ये तो शायद कुछ संभल जाये
दिल अपना अपने ही पास कँहा महफूज़ होता है  /
एक और मर्तबा मोहब्बत कर ही ली जाये तनहा
दर्द कुछ ज़िन्दगी से कम हुआ महसूस होता है   

Friday 24 October 2014

careless whispers

मुंह चिढाकर मुझको ,
वो भागे झट से मेरे कमरे से /
फिर झट से आकर अन्दर बोले
" इसे प्यार न समझ लेना "/
जब बाहर जाकर देखा तो...
पाया उनको अपने ही आँगन में /
वो निगाहें नीची करके बोले
"इसे इज़हार न समझ लेना "

मेरा तो यही हाल है ..

मेरा तो यही हाल है। 


न जाने किस ओर निग़ाहें किये बैठा रहा ये ज़माना
मेरी  तो महज़ कुदरत के नज़ारों में ज़िन्दगी रही /
होती होंगी औरों की इबादत दैरो -हरम में तनहा
मेरी तो फ़क़त आशिकी ही ताउम्र मेरी बंदगी रही