Monday 21 January 2019

ज़मीं पर पैर रख ..

ज़मीं पर पैर रख 

दुनिया को जीतने की ख़्वाहिश में 
खुद को न हार बैठना ,
भूल कर भी तुम खुद को 
सिकंदर न  समझ बैठना //
यूँ न हो के तरस जाओ तुम 
एक अदद बूँद को भी ,
मामूली इंसां हो खुद को 
समंदर न समझ बैठना  

Duniya ko jeetnay ki khwaaish mein
Khud ko na haar baithna,
Bhul kar bhi tum khud ko
Sikandar na samajh baithna //
Yun na ho ke taras jaao tum
Ek adad boond ko bhi , 
Mamuli insaan ho khud ko 
Samandar na samajh baithna.

Friday 18 January 2019

shayad ban jaye baat kuchh

शायद बन जाये बात कुछ

सुना मैंने किसी ने किया है 

उनसे बारीक एक सवाल 

लब  उनके लरज़ रहे हैं 

वो दे दें जवाब शायद /

ये सोचकर मैं भी 

ठहर गया हूँ ज़रा सा 

इबादत का मुझको मेरी 

वो दे दें सवाब शायद 

Monday 14 January 2019

RAABTAA

 तअल्लुक़ात 

तिरे मिरे  राब्ते का दुनिया को कुछ  पता तो चले 

कह दो तो खोल डालूँ सनम कुछेक राज़ पुराने 

घायल हैं कितने ही तेरी तीर ए नज़र से ज़ालिम 

क़ातिलाना हैं अब भी तिरे , वो अन्दाज़ पुराने 

उन पुरानी चोरियों पर  कैसी अब रुसवाईयाँ 
नाहक़ छुपाना दुनिया से, वो एहसास सुहाने 

ज़िक्रे रूदादे मोहब्बत अब है भी ज़रूरी तनहा 
संग हो लेंगें हमारे फिर से, सारे वो नाराज़ पुराने 

Sunday 13 January 2019

TUMHARE LIYE THEEK NAHI....

अभी से मेरी बातों पर इतनी दीवानगी अच्छी नहीं ऐ दोस्त 
कहने वाली बातों के समंदर से महज़ क़तरा भर निकाला  है 

Abhi se meri baatoN par itni deewangi acchi nahi ay dost
Kehne wali baatoN ke samandar se mehaz katra bhar nikala hai

Saturday 12 January 2019

Hairaan Pareshaan Sab Dost Purane

हैरान परेशान सब दोस्त पुराने 

वो हैरत में हैं  यूँ उनकी महफ़िल को मैंने छोड़ा ऐसे  
अब   क्या कहूं   गधों के संग  एक घोड़ा दौड़ा  कैसे 

Wo hairat mein hai yun unki mehfil ko maine chhoda aise
Ab kya kahun ghadoN ke sang ek ghoda dauda kaise.