मेरी तस्वीर तुमसे जलाई न जाएगी /
न ही ये दरीचे से उडाई ही जाएगी /
सोया न करो इसे रख के सिरहाने के नीचे /
इस तरह मेरी याद दिल से निकाली न जाएगी ...
जब मेरा नाम बातों में आता जो होगा
मेरा चेहरा तुमको याद आता तो होगा
तस्सवुर में नज़र आता होगा अक्स मेरा
बाहों में भरने को तुमको बुलाता तो होगा
तन्हाई में सबसे छुपकर ख़ामोशी में
ख़याल आकर मेरा गुदगुदाता तो होगा
शबे वस्ल जब भी कभी याद आती होगी
ख्वाब मीठा सा आकर रुलाता तो होगा
सोचने से वक़्त -ऐ -रुखसत के बारे में
एक अश्क आँखों में झिलमिलाता तो होगा
जब मेरा नाम बातों में आता जो होगा ....
Tanha Ajmeri
16th Jan. 2010
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every turn.....No point in pondering over the incomprehesible. Just be the best
you can .. A good human being.THAT'S ALL THERE IS TO IT AND NOTHING
ELSE.
Good one..!!!
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