दिल बेचारा
दे ही दूँ किसी को तो ये तो शायद कुछ संभल जाये
दिल अपना अपने ही पास कँहा महफूज़ होता है /
एक और मर्तबा मोहब्बत कर ही ली जाये तनहा
दर्द कुछ ज़िन्दगी से कम हुआ महसूस होता है
दे ही दूँ किसी को तो ये तो शायद कुछ संभल जाये
दिल अपना अपने ही पास कँहा महफूज़ होता है /
एक और मर्तबा मोहब्बत कर ही ली जाये तनहा
दर्द कुछ ज़िन्दगी से कम हुआ महसूस होता है
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