बेरंग न होने देते हैं जिस्त को ,कुछ ख़्वाबों की तासीर है यूँ
साहिले समंदर हम संग वो इंद्रधनुषी रंग क्या तुझको याद नहीं /
मुझसे न पूछ के कबसे हूँ मैं ग़मज़दा इस तरह से तनहा
तू ही बता वो अपने बिछड़ने की तारीख क्या तुझको याद नहीं
साहिले समंदर हम संग वो इंद्रधनुषी रंग क्या तुझको याद नहीं /
मुझसे न पूछ के कबसे हूँ मैं ग़मज़दा इस तरह से तनहा
तू ही बता वो अपने बिछड़ने की तारीख क्या तुझको याद नहीं
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