Thursday, 7 August 2014

m e m o r i e s GALORE ..

बेरंग न होने देते हैं जिस्त को ,कुछ ख़्वाबों की तासीर है यूँ 
साहिले समंदर हम संग वो इंद्रधनुषी रंग क्या तुझको याद नहीं /
 मुझसे न पूछ के कबसे हूँ मैं ग़मज़दा इस तरह से तनहा 
तू ही बता वो अपने बिछड़ने की तारीख क्या तुझको याद नहीं 

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