shayari kya hai ? mujhse poochhte haiN log. mujhe dekh leejiye, dekh leejiye mere taur tareekoN ko. Philhal mujhe padh leeje. thoda andaza ho jayega aapko.ya phir apne ghar bula leejiye .ek shaam mere naam..shart hai ke aap lutfandoz ho jayeNge. kabhi sochta huN ke bewajah maujuda waqt meiN paida hue. Kisi badshaah ki baadshahat meiN rahe hote toh shayad hamara bhi kuchh naam hota. huzoor jaane deeje, shhayar se paalaa na hi padhey toh behtar hai.
Tuesday, 20 December 2011
Friday, 16 December 2011
qaatil ki nigaah .. subhanallah !!
बरसों बेरुखी के बाद वो देखकर फिर मुस्कुरा उठे
और फिर हमने उनसे वफ़ा की उम्मीद बाँध ली
वो खुद मोहब्बत है प्यार की मिसाल है फिर भी
कहते हैं लोग कि उन्होंने ही मेरी जान ली
वो अब नादाँ कंहा रहे समझते हैं अच्छा बुरा
एक छोड़कर उन्होंने मेरी बातें सारी मान लीं
मेरे किसी गुमनाम ख़त का न मिला मुझको जवाब
जानता हूँ मैं कि उन्होंने लिखावट मेरी पहचान ली
( बरसों बेरुखी के बाद वो देखकर फिर मुस्कुरा उठे
और फिर हमने उनसे वफ़ा की उम्मीद बाँध ली )
और फिर हमने उनसे वफ़ा की उम्मीद बाँध ली
वो खुद मोहब्बत है प्यार की मिसाल है फिर भी
कहते हैं लोग कि उन्होंने ही मेरी जान ली
वो अब नादाँ कंहा रहे समझते हैं अच्छा बुरा
एक छोड़कर उन्होंने मेरी बातें सारी मान लीं
मेरे किसी गुमनाम ख़त का न मिला मुझको जवाब
जानता हूँ मैं कि उन्होंने लिखावट मेरी पहचान ली
( बरसों बेरुखी के बाद वो देखकर फिर मुस्कुरा उठे
और फिर हमने उनसे वफ़ा की उम्मीद बाँध ली )
Tuesday, 13 December 2011
मैं चलूँ बिन बैसाखी ..
tanha's space:Write What Your Heart Tells You To...
Who Doesn't Need INSPIRATION??
Oh yes, all of us need fuel to run.This life can be very harsh as all of us have felt some time or the other. But we were not born to simply while away our time on this planet. We have imagination that can fire us up to always strive for the better.My first message to you in this regard is- don't be overwhelmed by laziness.And when you are chasing your dreams remember not to go after worthless pursuits. Tell yourself that you will make each moment count.There will be obstacles on the way, there will be challenges but never lose heart. All of us make mistakes but how many of us learn from them. Learn from your mistakes.I want to quote the great Michael Jordan here. He said,'' I can accept failure.Everyone fails at something.But I can't accept not trying.''
खुद ही चल पड़े हैं जानिबे मंजिल अब
हमको नए सहारों की तलाश नहीं है
किसी की याद से कर लेते हैं हर ज़र्रा रोशन
अब अंधेरों में चरागों की तलाश नहीं है
निगाहें मिलकर खिला लेते हैं फूल मन में
हरगिज़ अब बहारों की तलाश नहीं है
क्या देखें उनके शहर से चले जाने के बाद
हमको अब नज़ारों की तलाश नहीं है
"तनहा" की किताब का कुछ तो हुआ असर
उनको अब तरानों की तलाश नहीं है
(खुद ही चल पड़े हैं जानिबे मंजिल अब
हमको नए सहारों की तलाश नहीं है)
Saturday, 10 December 2011
TIME IS P R E C I O U S ..
अपने हालात बदलने का
ग़र तुझमें हौसला है
तो उठ , अभी उठ
देर न कर
वक़्त कम है ..
तेरी ज़िन्दगी को न कर दें
हालात ये बेकाबू
खुदको काबू में कर
ए दोस्त
वक़्त कम है ..
फैला सके तो फैला दे
तू प्यार हर तरफ
किसी से नफरत न कर
जान ले
वक़्त कम है ..
आते थे मिलने मुझसे
हर शाम वो शौक़ से
आते ही कहते
"जाना है जल्दी
वक़्त कम है " ..
कोई आया साथ न
जब मिन्नतों के बाद भी
"तनहा" ही चल पड़ा हूँ
सफ़र में
वक़्त कम है ..
Tuesday, 6 December 2011
khamosh rahun to behtar hai ..
चाहा कब न था कुछ करना
पर ज़िन्दगी से लड़ते लड़ते
लरज़ गयी है धड़कन धड़कन
बिख गया है लहू लहू ..
तन्हाई में रोना बेहतर है
उकता गया हूँ हुजूम में
किससे क्या क्या सुनूं सुनूं
किससे क्या क्या कंहू कंहू ..
इस दौडती भागती दुनिया में
मुझ जैसों का ठिकाना क्या
मैं नादाँ निपट आवारा
मौजे जज़्बात में बहूँ बहूँ ..
रिश्ते तुम्हारे होंगे हज़ार
मेरा दुनिया से बस रिश्ता एक
दुनिया करे है ज़ुल्म बराबर
और मैं चुपचाप सहूँ सहूँ ..
चाहा कब न था कुछ करना
पर ज़िन्दगी से लड़ते लड़ते
लरज़ गयी है धड़कन धड़कन
बिख गया है लहू लहू ..
पर ज़िन्दगी से लड़ते लड़ते
लरज़ गयी है धड़कन धड़कन
बिख गया है लहू लहू ..
तन्हाई में रोना बेहतर है
उकता गया हूँ हुजूम में
किससे क्या क्या सुनूं सुनूं
किससे क्या क्या कंहू कंहू ..
इस दौडती भागती दुनिया में
मुझ जैसों का ठिकाना क्या
मैं नादाँ निपट आवारा
मौजे जज़्बात में बहूँ बहूँ ..
रिश्ते तुम्हारे होंगे हज़ार
मेरा दुनिया से बस रिश्ता एक
दुनिया करे है ज़ुल्म बराबर
और मैं चुपचाप सहूँ सहूँ ..
चाहा कब न था कुछ करना
पर ज़िन्दगी से लड़ते लड़ते
लरज़ गयी है धड़कन धड़कन
बिख गया है लहू लहू ..
Monday, 5 December 2011
Friday, 2 December 2011
Thursday, 1 December 2011
कर क्या रहे हो ये तुम ?..
अपने ग़म को
तुम क्यूँ संभाले बैठे हो
काम पड़ा है कितना
और तुम
सुस्ताने बैठे हो ..
रंग फ़िज़ाओं में
फैले से हैं
बेशुमार
अपने जीवन को
फिर क्यूँ
बेरंग बनाये बैठे हो ..
देखो कैसी
ले ली है
इस ज़माने ने करवट
तुम भी हद
करते हो मियां
यूँ शर्माए बैठे हो ..
आवारा शायर की
दुनिया को
ठीक आपने
वीरान किया,
छोड़ तनहा को
अब तुम फिर
क्यूँ उकताए बैठे हो ..
काम पड़ा है कितना
और तुम
सुस्ताने बैठे हो ..
तुम क्यूँ संभाले बैठे हो
काम पड़ा है कितना
और तुम
सुस्ताने बैठे हो ..
रंग फ़िज़ाओं में
फैले से हैं
बेशुमार
अपने जीवन को
फिर क्यूँ
बेरंग बनाये बैठे हो ..
देखो कैसी
ले ली है
इस ज़माने ने करवट
तुम भी हद
करते हो मियां
यूँ शर्माए बैठे हो ..
आवारा शायर की
दुनिया को
ठीक आपने
वीरान किया,
छोड़ तनहा को
अब तुम फिर
क्यूँ उकताए बैठे हो ..
काम पड़ा है कितना
और तुम
सुस्ताने बैठे हो ..
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