Save AAREY .........
there is no time like NOW
फ़िज़ा में जब पहले से ही ज़हर इतना घुला हुआ है
क्यूँ कोई फिर बर्बादी की कथा लिखने पर तुला हुआ है
उसके फरमान में इन्सां की सांस का कोई ज़िक्र नहीं
पर्यावरण की कदर की उसको सच में कोई फ़िक्र नहीं
अपनी ज़िद पर है आमादा,पर रंग उसका भी उड़ा हुआ है
क्यूँ कोई फिर बर्बादी की कथा लिखने पर तुला हुआ है
फ़िज़ा में जब पहले से ही..
तारीख़ इस जंगल की तुझसे मुझसे है कहीं पुरानी
इसके दम पर ही तो हैं हमारी सुबहोशाम सुहानी
हुआ तू कैसे बेखबर , मुंह तेरा क्यूँ मुड़ा हुआ है
क्यूँ कोई फिर बर्बादी की कथा लिखने पर तुला हुआ है
फ़िज़ा में जब पहले से ही..
अब भी वक़्त है रोक ले , तबाही को न मंज़ूर कर
कई और भी तो हैं ज़रुरतें , तरक्क़ी तू ज़रूर कर
लिख जा इख्लाख़ की दास्ताँ,रस्ता अब भी खुला हुआ है
क्यूँ कोई फिर बर्बादी की कथा लिखने पर तुला हुआ है
फ़िज़ा में जब पहले से ही..
इन दरख्तों पर है आशियाँ कई परिंदों का बरसों से
जानवर भी कुछ मासूम से यहाँ रह रहे हैं अरसों से
ये कहानी हम सबकी है , एक पन्ना तेरा भी जुड़ा हुआ है
क्यूँ कोई फिर बर्बादी की कथा लिखने पर तुला हुआ है
फ़िज़ा में जब पहले से ही ज़हर इतना घुला हुआ है
Very nice poetry🙏🙏
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