शाम को ग़ज़ल बनकर आ गए वो घर मेरे
दुनिया वाले रख देंगे अब इलज़ाम सर मेरे /
उनके आने से चला सबको पता मेरी रिहाइश का
मोहब्बत के मुक़म्मल हों जैसे सब इंतज़ाम घर मेरे
दुनिया वाले रख देंगे अब इलज़ाम सर मेरे /
उनके आने से चला सबको पता मेरी रिहाइश का
मोहब्बत के मुक़म्मल हों जैसे सब इंतज़ाम घर मेरे
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