पीने के बाद तो बहक कर बिखरने में ही मज़ा है /
दरिया नहीं कभी सोचता के मैं बहता कंहा पे हूँ
.
अभी न हटा काक बोतल से ओ साकी ,ठहर भी जा /
होश में मैं ज़रा देख तो लूँ , के मैं बैठा कंहा पे हूँ
.
सुबह होने से पहले यारों मुझे पंहुंचा देना घर मेरे/
तुमको पता तो है न , के में रहता कंहा पे हूँ
.
हमदर्दी कर सकोगे तब जब तुमको पता भी हो /
कंहा से हूँ बुझ चुका और मैं दहका कंहा पे हूँ
दरिया नहीं कभी सोचता के मैं बहता कंहा पे हूँ
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अभी न हटा काक बोतल से ओ साकी ,ठहर भी जा /
होश में मैं ज़रा देख तो लूँ , के मैं बैठा कंहा पे हूँ
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सुबह होने से पहले यारों मुझे पंहुंचा देना घर मेरे/
तुमको पता तो है न , के में रहता कंहा पे हूँ
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हमदर्दी कर सकोगे तब जब तुमको पता भी हो /
कंहा से हूँ बुझ चुका और मैं दहका कंहा पे हूँ
thanks for these lines, very very nice
ReplyDelete"हमदर्दी कर सकोगे तब जब तुमको पता भी हो....
ReplyDeleteकहाँ से हूँ बुझ चुका और मैं दहका कहाँ पे हूँ "
बहुत खूब.....