Friday, 23 July 2021

Kabhi Dekhna

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Mamooli Insaan Main Aur Tum || मामूली इंसान में और तुम ||

Tumne Dekha Nahi Kya Ujadte Hue Aabad BastiyoN ko 
Tumne Dekha Nahi Kya Saahil Pe Doobte KashtiyoN Ko ...
Ye Tum KyuN Nahak Hi Samajh Baithe Ho Khud Ko Masiha 
Tumne Dekha Nahi Kya Khakh Mein  Milte HastiyoN Ko 
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तुमने देखा नहीं क्या उजड़ते हुए आबाद बस्तियों को 
तुमने देखा नहीं क्या साहिल पे डूबते कश्तियों को  /
ये तुम क्यों नाहक ही समझ बैठे हो खुद को मसीहा 
तुमने देखा नहीं क्या खाक में मिलते हस्तियों को 
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تمنے دیکھا نہیں کیا اجڑتے ہوئے آباد بستیوں کو 
تمنے دیکھا نہیں کیا ساحل پی ڈوبتے کشتیوں کو 
یہ تم کو ناحق ہی سمجھ بیٹھے ہو خود کو مسیحا
تمنے دیکھا نہیں کیا خاکہ میں ملتے ہستیوں کو 
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